क्योंकि मैं साइटिका के रोग से पीड़ित था, इस कारण इस साल मेरी कमर में और दायीं टांग में लगातार दर्द रहने लगा था। जब भी मैं दिन के सामान्य कार्य करता था या अपने कार्यालय जाने के लिए गाड़ी चलाता था या कई बार वैसे भी दर्द में वृद्धि हो जाती थी जो कि अति पीड़ा देने वाली होती थी। इन सबसे ऊपर मुझे अलर्जिक रिएक्शन हो गया जिस के कारण मुझे एक सप्ताह के लिए अस्पताल में रहना पड़ा। मैंने सभी सुप्रसिद्ध अस्पतालों और चिकित्सकों से इलाज कराने का प्रयास किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। कोई भी दवाई काम नहीं कर रही थी। मैं डिप्रेशन में चला गया और मुझे पूर्ण आराम की सलाह दी गयी। मैं केवल 25 वर्ष का था।
उस समय मुझे एक संबंधी ने पाँच दिन लगातार बड़े मंदिर जाने और लंगर प्रसाद खाने को कहा। मैं बड़े मंदिर से अपरिचित नहीं था। मैं दो बार पहले भी वहाँ जा चुका था। परन्तु इस बार मैंने अपनी आंटी की सलाह बहुत गंभीरता से ली और पाँच दिन लगातार बड़े मंदिर गया। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि मैं बगैर अधिक दर्द के गुरुजी के आश्रम गाड़ी चला के जा सकता था। एक सप्ताह के भीतर मेरा दर्द काफी हद तक कम हो चुका था। मेरा विश्वास गुरुजी में दृढ़ हो गया। और तब गुरुजी ने मुझे स्वप्न में दर्शन दिए और कहा "जा तेरा कल्याण कीत्ता"। मैंने इस वाक्य वाले कई सत्संग पढ़े थे लेकिन जब मैंने स्वयं गुरुजी से इसे सुना तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
बड़े मंदिर में अवश्य ही परम शक्ति है जिसने मेरे सारे कष्ट समाप्त कर दिए और मुझे डिप्रेशन से भी मुक्त कर दिया। गुरुजी, आप का धन्यवाद।
नितिन खेर, एक भक्त
नवंबर 2015